श्री महाकालेश्वर धाम इतिहास
श्री महाकालेश्वर धाम मंदिर की स्थापना दि० - 07.07.1995 में की गयी थी। ला० ज्योति प्रसाद अग्रवाल व ला० ओम प्रकाश अग्रवाल ने अपनी समक्षता से इस अवसर की शोभा बढ़ाई। यह मंदिर पूज्य पितामह ला० मूल चंद व पिताश्री ला० रामपतमल व ला० गंगा सहाय की स्मृति में स्थापित किया गया था।
माता श्रीमती सेवती देवी के अटूट प्रेम व श्रद्धा का यह प्रतीक, अब ला० ओम प्रकाश अग्रवाल मेमोरियल ट्रस्ट व उनके सुपुत्रों श्री सुरेश चंद्र अग्रवाल, श्री महेश चंद्र अग्रवाल, श्री विनोद कुमार अग्रवाल, श्री रजनीश अग्रवाल, श्री रुपेश अग्रवाल व श्री किशन जे हर्जानी द्वारा संचालित है।
वर्ष 2005 में, श्री सुधांशु जी महाराज ने यहाँ अन्य दिव्या वृक्षों का वृक्षारोपण किया था। इनमें से कुछ वृक्ष थे चन्दन, रुद्राक्ष, अश्वगंधा, लौंग, इलायची, तेजपात, पारसपीतल, पंचपल्लव, मंदार, रामफल एवं नारियल। फिर वर्ष 2013 में मंदिर परिसर में कल्पवृक्ष का वृक्षारोपण भी किया गया।कल्पवृक्ष समुद्र मंथन के 14 रत्नों में से एक था, जो इंद्र देव को दिया गया था। श्रीमद भागवत गीता के अनुसार, भगवन श्री कृष्ण ने कल्पवृक्ष को स्वर्ग से स्वयं पृथ्वी पर पदार्पण किया था। यह माना जाता है कि कल्पवृक्ष से जो इच्छा मांगो वह पूरी होती है।
मुरादाबाद में स्थित सिद्ध शिवलिंग एवं अष्ट धातुओं से निर्मित श्री महाकालेश्वर शिव भगवान अपने पूर्ण परिवार, नटराज, ब्रह्मा जी, विष्णु जी, अर्धनारीश्वर, पार्वती जी के अनेको आलौकिक रूपों के साथ, श्री बजरंगबली हनुमान जी, श्री तिरुपति वेंकटेश्वर स्वामी एवं माँ लक्ष्मी जी व भू देवी जी के साथ विराजमान हैं। इनके दर्शन मात्र से ही भोले नाथ व तिरुपति बालाजी की कृपा बनी रहती है और आपका जीवन सफल हो जाता है। नये मुरादाबाद में स्थित श्री महाकालेश्वर धाम की बड़ी मान्यता है।