About Dham

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मन्दिर श्री महाकालेश्वर धाम, श्री वेंकेटेश्वर स्वामी देवास्थानम्

श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है। काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट कहते हैं कि भगवान शिव काल से परे हैं, वे आदि हैं और वे अनंत हैं, वे महाकाल हैं। जिन लोगों को अकाल मृत्यु का भय रहता है, उनको महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन करना चाहिए, महाकाल की कृपा से अकाल मृत्यु भी टल जाती है। जिस पर महाकाल की कृपा हो जाए, उसका काल भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की पौराणिक कथा का वर्णन शिव पुराण में है।

श्री महाकालेश्वर धाम मंदिर की स्थापना दि० - 07.07.1995 में की गयी थी। यह मंदिर पूज्य पितामह ला० मूल चंद व पिताश्री ला० रामपतमल व ला० गंगा सहाय की स्मृति में स्थापित किया गया था। वर्ष 2005 में, श्री सुधांशु जी महाराज ने यहाँ अन्य दिव्या वृक्षों का वृक्षारोपण किया था। मंदिर प्रांगण में पर्याय आरती, कीर्तन व् अन्य धार्मिक आयोजन होते रहते है। श्री महाकालेश्वर धाम की यहाँ के लोगों में बहुत ही मान्यता है तथा प्रतिदिन बहुसंख्या में लोग यहाँ दर्शन कर सुख की अनुभिति प्राप्त करते है।

स्वयंभू, भव्य और दक्षिणमुखी होने के कारण महाकालेश्वर महादेव की अत्यन्त पुण्यदायी महत्ता है। इसके दर्शन मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है, ऐसी मान्यता है।

Sri Mahakaleshwar Dham

मुरादाबाद में स्थित सिद्ध शिवलिंग एवं अष्ट धातुओं से निर्मित श्री महाकालेश्वर शिव भगवान अपने पूर्ण परिवार के साथ विराजमान हैं।